विपक्ष की मांग क्यों हुई ख़ारिज ? नहीं होगी पर्चियों और ईवीएम मशीन के मतों का मिलान कुछ तो है गड़बड़ घोटाला !

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नई दिल्ली:-

विपक्ष को पुरे चुनाव के दरमियान लगातार झटके लगते रहे है।

अब जब चुनाव अपने अंतिम लम्हों में आ गया है तो चुनाव आयोग ने विपक्ष को एक और झटका दिया है।
चुनाव आयोग ने वीवीपीएटी पर 22 विपक्षी दलों के नेताओं की मांग को ख़ारिज कर दिया है।

विपक्षी पार्टियों की मांग थी कि चुनाव आयोग वीपीपीएटी का मिलान मतों की गिनती से पहले करे।
वोट और पर्चा में असमानता की स्थिति में विपक्षी पार्टियों ने ये मांग की थी।

विसंगति की स्थिति में किसी ख़ास लोकसभा क्षेत्र में सभी मतों का मिलान पर्चे से करने की मांग की गई थी।
तीन सदस्यों वाले चुनाव आयोग की विपक्षी पार्टियों की मांग पर बुधवार को अहम बैठक हुई और इसी बैठक में मांग को ख़ारिज कर दिया गया।

वैसे बताते चले कि विपक्ष कही न कही से इस फैसले के लिए तैयार था और मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग से मिलने के बाद कहा था कि उनकी मांगों को लेकर आयोग ने बहुत सकारात्मक रुख़ नहीं दिखाया था।

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