ये जानकर हैरान रह जाएंगे क्या कहती है जानवरों की बोलियां​?

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रिपोर्टर.

हुज़ूर सल्लललाहो तआला अलैहि वसल्लम ने मुर्ग़ को गाली देने से मना फरमाया है और उसकी आवाज़ देने के वक़्त खुदा से दुआ करने का हुक्म है !

मिश्कात,जिल्द 2,सफह 261 मुर्ग़ उस वक़्त बोलता है जब कि वो फरिश्तों को देखता है और उसकी तस्बीह ये है “ऐ ग़ाफिलों अल्लाह को याद करो, हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 615 रुहुल मआनी,जिल्द 19,सफह 172. गधा उस वक़्त बोलता है जब कि वो शैतान को देखता है।
इसलिए उस वक़्त अल्लाह से पनाह मांगना चाहिए।
हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 615 जब शेर दहाड़ता है तो कहता है “ऐ अल्लाह मुझे किसी नेक आदमी पर मुसल्लत मत करना!

हयातुल हैवान,जिल्द 1,सफह 7 जब दो घोड़ों की मुलाक़ात होती है तो वो रब की तस्बीहो तहलील पढ़ते हैं!
नुज़हतुल मजालिस,सफह 55 मोर जब बोलता है तो कहता है “जैसा करोगे वैसा भरोगे!
तोता जब बोलता है तो कहता है “जिसने दुनिया का इरादा किया वो हलाक हुआ।

फाख्ता जब बोलती है तो कहती है “काश कि मख्लूक़ पैदा ही ना होती?
कुमरी जब बोलती है तो कहती है “पाक है वो ज़ात जो बुलंद बाला है।

हुदहुद जब बोलता है तो कहता है “ऐ गुनाहगारों अल्लाह से माफी चाहो।
तीतर जब बोलता है तो कहता है “वो निहायत ही मेहरबान है उसने अर्श पर इस्तवा फरमाया।
बाज़ जब बोलता है तो कहता है “लोगों से दूरी में ही राहत है।
संगखोर जब बोलता है तो कहता है “जो खामोश रहा उसने निजात पाई।
मेंढ़क जब बोलता है तो कहता है “पाक है वो ज़ात जो हमेशा ज़िंदा रहने वाली है।

गिद्ध जब बोलता है तो कहता है “ऐ इब्ने आदम जैसे जीना है जी ले मगर तुझे आखिर में मरना है,हदी जब बोलता है तो कहता है “अल्लाह के सिवा हर चीज़ हलाक होने वाली है।
खिताफ जब बोलता है तो कहता है “जिसे भलाई का मौक़ा मिले कर गुज़रो।
शामां जब बोलती है तो कहती है “पैदा करने वाली और हमेशा रहने वाली ज़ात सिर्फ अल्लाह की है।

तेतवा जब बोलता है तो कहता है “हर जानदार को मरना है और नई चीज़ बिल आखिर पुरानी होने वाली है।
रुहुल मआनी,जिल्द 19,सफह 171-172 हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के पास एक शख्स आया और कहने लगा कि हज़रत आप मुझे जानवरों की बोलियां सिखा दीजिये।

आपने उसको मना किया कि इसमे कसीर हिकमतें है लिहाज़ा अपने इस शौक से रुजू करो मगर वो नहीं माना।
आपने मौला से बात की तो वो फरमाता है कि अगर ये बाज़ नहीं आता तो सिखा दो तो आपने उसे जानवरों की बोलियां सिखा दी।
उसके घर में एक मुर्गा और एक कुत्ता पला हुआ था ।

मालिक ने जब रोटी का टुकड़ा फेंका तो मुर्गे ने झट से उठा लिया इस पर कुत्ता बोला कि ये तूने गलत किया कि तेरी गिज़ा दाना दुनका है और तूने मेरी रोटी उठा ली,
तो मुर्गा बोला परेशान ना हो कल मालिक का बैल मर जायेगा वो उसे यहीं कहीं फेंक देगा जितना चाहे खा लेना!

मालिक ने उन दोनों की बात सुन ली और दूसरे दिन सुबह सुबह ही वो बैल को बाज़ार में बेच आया ।
दूसरे दिन कुत्ते ने कहा कि तुमने झूठ बोला और बिला वजह मुझे उम्मीद दी।

तो मुर्गा कहने लगा कि मैंने झूठ नहीं कहा था मालिक ने अक्लमंदी दिखाते हुए अपनी मुसीबत दूसरे के गले डाल दी।

खैर कल मालिक का घोड़ा मर जायेगा तब तुम उसे खा लेना,मालिक ने सुना और दूसरे दिन घोड़ा भी बेच आया ।
अब कुत्ते ने झल्लाते हुए कहा कि तुम बिल्कुल झूठे हो तुम्हारी कोई बात सच्ची नहीं,तो मुर्गा बोला कि ऐसा नहीं है मालिक जिसको अक़्लमंदी समझ रहा है वो उसकी सबसे बड़ी बेवकूफी है।

क्योंकि मौला ने उस पर कुछ मुसीबतें डाली थी जिसको उसके घर के जानवरों ने अपने सर पर ले लिया।

कि अगर वो मर जाते तो उसका फिदिया बन जाता मगर अब जबकि उसने अपना माल कुछ ना छोड़ा तो अब कल वो खुद मरेगा अब तो घर में दावत होगी जितना चाहे खा लेना।

अब जो मालिक ने सुना तो उसके होश उड़ गए वो भागता हुआ हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की बारगाह में पहुंचा ।
और सारी बात कह डाली,तो आप फरमाते हैं कि मैंने तो पहले की कहा था कि जो कुछ बन्दों से छिपाकर रखा गया है उसमें उनके ही लिए भलाई है।

मगर तुम ना माने अगर तुम उनकी बोली ना सीखते तो उन जानवरों की मौत तुम्हारी तरफ से सदक़ा हो जाती और तुम्हारी जान बच जाती ।
मगर तुमने उन्हें दूर कर दिया अब ये क़ज़ा टल नहीं सकती कल तुम यक़ीनन मरोगे,और दूसरे दिन वो मर गया
सच्ची हिकायत,सफह 97 !

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