मान्यता मिलने के डेढ़ साल बाद शुरू हुआ विद्यालय मे शौचालय का निर्माण ! जहां सोच वहां शौचालय स्लोगन की विद्यालय ने उड़ाई धज्जियां !

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रिपोर्टर.

जहां सोच वहां शौचालय स्लोगन तो विद्या बालन ने कहा , पर सूरतगंज ब्लॉक के छेदा स्थित शारदा विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के नाम से संचालित होने वाला विद्यालय अब तक इस स्लोगन को धता बताता चला आ रहा है।

मान्यता मिले करीब डेढ साल का समय बीतने के बाद भी विद्यालय में अभी तक कोई शौचालय नही बनाया गया था। सबसे बड़ी बात तो यह कि सरकारी मानकों में शौचालय और टॉयलेट के बगैर मान्यता नहीं दी जा सकती, फिर भी मान्यता दे दी गई। विद्यालय के चारों तरफ 10 फीट का रास्ता होना अनिवार्य होता है पर विद्यालय के चारों तरफ कोई रास्ता नहीं है।

फिर भी विभागीय अधिकारीयों ने आंख बंद कर विद्यालय को मान्यता दे दी। इसे विभागीय बड़ा खेल नही तो और क्या कहा जाए, ऐसी स्थिति में विद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों को शौचालय न होने से भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा था। इस पर कई शिकायतों के बाद जब मिडिया की नजर पडी तब मौके की जांच की गई।

मौके पर तिरपाल टांग कर शौचालय बना मिला वह भी जर जर हालत में इस बाबत जब विद्यालय के प्रबंधक सुनील कुमार सिंह से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि यूके लिप्टिस का पेड़ काटने के दौरान शौचालय गिर गए थे। परंतु वहां पर कोई भी शौचालय का अवशेष भी नहीं दिख रहा था। फिर जब इसी प्रकरण के तहत खण्ड शिक्षाधिकारी सूरतगंज उदयमणि पटेल जी से बात की गयी तो उन्होंने साफ तौर पर यह कहकर अपना पल्ला झाड लिया कि विद्यालय की मान्यता हाईस्कूल की है, तो यह हमारे दायरे में नही है।

हम सिर्फ कक्षा आठ तक ही मान्यता देते है। आप जिले पर बीएसए साहब से बात करें। अब खण्ड शिक्षाधिकारी महोदय को भी यह भी बताने की जरूरत है? कि विद्यालय नर्सरी से संचालित है तो इसमें कक्षा एक से आठ तक की क्लास भी संचालित होती है। ऐसे में विद्यालय उनके दायरे से बाहर कैसे? स्कूल की मान्यता पिछले सत्र में दी गई।

लेकिन विभागीय  अधिकारीयों द्वारा मानकों की अनदेखी करके विद्यालय को मान्यता दी गई, विद्यालय में पिछले सत्र में लगभग 11 सौ बच्चों का पंचीकरण था और इस बार भी लगभग 800 बच्चों का पंजीकरण है, पर विद्यालय में अब तक एक भी शौचालय नही बना था।मिडिया ट्रायल के बाद स्कूल प्रशासन ने कार्यवाही से बचने के लिए शौचालय निर्माण शुरू तो करवा दिया पर सवाल यह है कि यह अब भी बन पायेगा, यह सब देखने वाली बात होगी।

अधिकारियों ने घाल मेल के दम पर मानकों की अनदेखी करते हुए इस विद्यालय को हाई स्कूल की मान्यता दी है। अब देखना यह है कि सरकार मानकों की अनदेखी करने पर क्या कार्रवाही करती है।

 

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