प्रतिबंध के बावजूद भी आज भी यहां ऐसी घटना दोहराई जाती है क्या ये उचित है

छिंदवाड़ा/पांढुर्ना।

कई थानों की पुलिस तैनात है। धारा 144 लगी है। इसके बावजूद भी यहां हजारों लोग पथराव करते हैं।
इस खूनी खेल में कई लोगों की जान भी चली जाती है। घायलों की संख्या भी हजारों में पहुंच जाती है।
पांढुर्ना में पोला पर्व के दूसरे दिन विश्व प्रसिद्ध गोटमार मेले (Gotmar Mela Pandhurna 2021) में यहां पथराव करने की परंपरा है। इस खूनी खेल में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।
इसे देखते हुए प्रशासन ने एंबुलेंस और डॉक्टर भी तैनात कर दिए हैं।
सांवरगांव और पांढुर्ना में लोगों के इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए हैं, जहां घायलों का इलाज किया जाएगा।

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8.45 Pm
नदी के दोनों तरफ गांव में इस बार भारी पथराव की आशंका, ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर लाए गए हैं पत्थर। सांवरगांव और पांढुर्ना में दो-दो इमरजेंसी स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं।
यहां घायलों का इलाज किया जाएगा। इसके साथ ही छिंदवाड़ा में गंभीर घायलों के लिए व्यवस्था की गई है।
8.40 Pm
7 सितंबर मंगलवार को भी सुबह से यहां पत्थरबाजी के लिए लोग जुटने लगे हैं। यहां कभी भी पथराव शुरू हो सकता है।
दो गांव के लोग मारते हैं पत्थर। युद्ध जैसा माहौल नजर आता है।
यहां बरसों पुरानी परंपरा को आज भी दोहराया जाता है। बड़ी संख्या में देखने भी लोग पहुंचते हैं।
यहां देखने वालों को भी जान का खतरा रहता है। न कोरोना का डर न गाइडलाइन का पालन।
नदी के एक तरफ पांढुर्ना है और दूसरी तरफ सावरगांव है। दोनों ही गांव के लोग नदी के बीच स्थित झंडा लगाकर करते हैं पथराव।
8.15 Pm
इससे पहले सुबह 5 बजे से ही यहां नदी के बीच में झंडा लगाकर पूजा करने का दौर चल रहा है। लोग पूजा-पाठ कर रहे हैं।
इसके बाद दोनों तरफ से पथराव की रस्म निभाई जाएगी।

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