नोटबंदी के साइड इफेक्ट।

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रिपोर्टर,

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नोट बंदी के साइड इफेक्ट अब मोदी सरकार ही साबित करने में जुटी है।

आयकर कानून विभाग की नियमों के अनुसार भारत में सभी राजनीतिक दलों को आयकर विभाग से छूट मिली हुई है।

यहां तक की नए सरकारी नोटिफिकेशन के जरिए केंद्र की सरकार ने राजनीतिक दलों से राजनीतिक दलों को यह छूट भी दी है कि वह अपने फंड में 500 और 1000 के पुराने नोट जमा कर सकते हैं।

जिस पर कोई इनकम टेक्स जमा नहीं किया जाता। यहां तक की मोदी सरकार ने नोट बंदी के बाद हुई करीब 90 मौतों और देश की जनता को हुई परेशानी के बाद एक बार फिर काला धन रखने वालों को अपना काला धन सफेद करने के लिए 50% का ऑफर दिया है। जिसके बाद काला धन रखने वालों के नाम गुप्त रखे जाएंगे।

अब ऐसे में नोट बंदी की मार झेलने वाली आम जनता अपने को ठगा महसूस कर रही है। एक तरफ मोदी सरकार यह कह रही है की अगर इस स्कीम की पहले घोषणा कर दी जाती, तो इसकी अहमियत खत्म हो जाती है, और काला धन रखने वाले सचेत हो जाते, अगर ऐसा था तो अब नोट बंदी के 35 दिन बाद काला धन रखने वालों को 50 फ़ीसदी छूट देना और राजनीतिक दलों के फण्ड में 500 और 1000 के पुराने नोट जमा करने की छूट देना, यह साबित करता है नरेंद्र मोदी की नोट बंदी की स्कीम दरअसल भारत देश में कंगाल हुए बैंकों को राहत दिलाना था ।

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