किस वजहों से हम सब को बेवकूफ ही नहि बल्कि मूरख बनाया जा रहा है ? जाने !

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रिपोर्टर.

मानो या न मानो, लेकिन भारत है तो मूर्खों का ही देश!

आपको ये बात भले ही अटपटी लगे लेकिन अकाट्य तथ्य तो यही साबित करते हैं कि भारत, बाक़ायदा, एक मूर्ख-प्रधान देश है!

भारत यदि मूर्खों का देश ना होता तो 130 करोड़ लोगों वाले इस देश में कैसे एक आदमी लाखों का सूट-बूट पहनकर कहता है कि मैं ग़रीब हूँ और जनता उसे ग़रीब मान भी लेती…!

भारत यदि मूर्खों का देश ना होता तो CBI, ED, IT, NIA जैसी एजेंसियाँ और SC, EC, CAG जैसी संवैधानिक संस्थाएँ जिस एक आदमी की कठपुतली हैं, वो आदमी कहता है कि मुझे सताया जा रहा है और हम मान भी लेते हैं…!

भारत यदि मूर्खों का देश ना होता तो जिसके पास संसद में भारी बहुमत हो, जिसकी पार्टी 22 राज्यों में सत्ता में हो, वो कहे कि विपक्ष उसे संसद में काम नहीं करने दे रहा और हम मान भी लेते हैं…!

भारत यदि मूर्खों का देश ना होता तो जो भ्रष्टाचार में जेल काट चुके लोगों को टिकट देकर भी कहता है कि मैं भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ रहा हूँ, उसे भी हम सही मान लेते हैं…!

भारत यदि मूर्खों का देश ना होता तो जिसके शासन में सबसे ज़्यादा भारतीय सैनिक शहीद हुए वो कहता है कि दुश्मन उससे काँप रहा है और हम मान भी लेते हैं…!

भारत यदि मूर्खों का देश ना होता तो जिसके राज में सबसे ज़्यादा किसानों ने आत्महत्या की हो. फिर भी वो कहता फिरे कि उसने किसानों को ख़ुशहाल बनाया है और हम मान भी लेते हैं…!

भारत यदि मूर्खों का देश ना होता तो जिसके राज में बलात्कार का वारदातें रोज़ाना नये कीर्तिमान बन रही हों, फिर भी वो कहता है कि उसका ‘बेटी बचाओ’ अभियान सफल है और हम मान भी लेते हैं…!

भारत यदि मूर्खों का देश ना होता तो सुखमय भविष्य का सपना दिखाकर सत्ता में आने वाला हमें भूतकाल में घुमाकर कहे कि वो हमारा उद्धार कर रहा है और हम मान भी लेते हैं कि हम ख़ुशहाल हो रहे हैं…!

मौजूदा दौर तो चीख़-चीख़कर बता रहा है कि हमें मूर्खता बेहद पसन्द है। हमें अच्छे शासन-प्रशासन की नहीं बल्कि उम्दा लफ़्फ़ाज़ों की ज़रूरत है, जो हमें नफ़रत और उन्माद की अफ़ीम चटाता रहे!
कोई भी अच्छा शासन हमें नियम-क़ायदा सीखने और अपनाने के लिए मज़बूर करेगा!

जबकि सच तो ये है कि ‘विश्व-गुरु’ कभी कुछ नहीं सीखते! उनका तो अवतार ही मूर्खता के विस्तार के लिए हुआ है!
मूर्खों को धर्म, जात, गोत्र, खाप, आस्था जै से तोहफ़े हमेशा से बेहद पसन्द आते रहे हैं!

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