एक तरफ योगी सरकार, पुलिस अतिक्रमण नो पार्किंग जोन के वाहनों पर कार्रवाई वही लाल-नीली बत्तीं के चालकों के सामने है नतमस्तक ?

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रिपोर्टर.

UP की योगी सरकार का सौतेला पन  नजर आ रहा है। इसका जीता-जागता उदाहरण हजरगंज में देखने को मिला।

नीली बत्ती लगी एक आला अफसर की निजी कार नो-पार्किग जोन में  बाईं तरफ का रास्ता रोक कर खड़ी थी।

इससे सिगनल खुला होने के बाद भी वाहनों की लंबी कतार लगी और लोगों का तपती धूप में घंटो हाल बेहाल रहा।

चालक और वाहन स्वामी दोनों नदारद थे। वहीं लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने की जहमत न तो ट्रैफिक पुलिस उठा रही थी और न ही नगर निगम ।

यह क्रेने सिर्फ नादानी करने वाली जनता की गाड़ियां उठा कर 1100 रुपये का जुर्माना वसूल करती।

इस रकम को लेते समय इस बात की भी परवाह नहीँ की जाती कि यह रकम किसी मरीज की दवाई की है, जो उसे ज़िन्दगी देगी या फिर किसी गरीब चालक की छोटी से वेतन की है,

जिससे वह परिवार का पेट पलता है।

जुर्माना वसूलने वालों को सिर्फ रकम से मतलब है और अफसरों द्वारा दिया गया टारगेट पूरा हो बस।!

कुल मिला के लोगों के लिए कोई रियात नहीँ है और लाल-नीली बत्ती लगी गाड़ियों के चालको की मौज ही मौज है?

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