अबकी बार गौ माता के गोबर से बनी100% शुद्ध केमिकल रहित राखियों की बाजारों में जमकर हो रही बिक्री

तकीम अहमद स्वंवाददाता

पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने और गौ माता की रक्षा के लिए बनाए जा रहे गौमय उत्पाद
घुलनशील ज्वलनशील और सड़ने के बाद भी काम आएगा गौ माता का गोबर

जुन्नारदेव – वर्तमान में भारत स्वदेशी नीति की ओर तेजी से बढ़ रहा है इसी कड़ी में लगातार भारत सरकार भी हस्तशिल्प और घरेलू उत्पादों को लगातार बढ़ावा दे रही है। जिससे भारत आत्मनिर्भर बन सकें इसी कड़ी में वर्तमान में गौ माता के गोबर से तैयार राखियों का क्रेज भारत देश में बढ़ता जा रहा है।

हस्तशिल्प की कलाकारी और गौ माता की रक्षा के उद्देश्य से बनाई गई यह राखियां ना सिर्फ 100% शुद्ध है बल्कि इन राखियों के उपयोग से प्रकृति को किसी भी प्रकार की हानि नहीं होगी। बाजार क्षेत्र में यह गौमय इको फ्रेंडली राखी ₹10 से ₹50 कीमत तक उपलब्ध है।

वर्तमान में नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुन्नारदेव के पास स्थित श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में गौ माता के गोबर से बनी हुई राखियों का विक्रय नगर के राखी निर्माता रोशनी विकास चाटे द्वारा किया जा रहा है राखियों की निर्माता फर्म श्रीधर गौ अमृत पंचशील कॉलोनी जुन्नारदेव हैं।

गौ माता के गोबर से बनी राखिया 100% शुद्ध और केमिकल रहित –

वर्तमान में बाजार क्षेत्र में गौ माता के गोबर से बनी हुई राखी या बड़ी मात्रा में बिक्री हेतु लाई गई है इस राखी की प्रमुख विशेषता यह है कि यह 100% शुद्ध गौ माता के गोबर से बनी है जिसमें केमिकल का बिल्कुल भी उपयोग नहीं किया गया है। देसी रंगों का उपयोग कर राखी को सुंदरता प्रदान की गई है। साथ ही राखी की डिजाइन और बनावट भी आकर्षक ढंग से बनी हुई है जो आम जनों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने और गौ माता की रक्षा के लिए बनाए जा रहे गौमय उत्पाद –

राखियों के निर्माता विकास चाटे का कहना है कि गौ माता के गोबर से बनाए जा रहे गांव में उत्पाद 100% शुद्ध है और इससे पर्यावरण को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं होगी। साथ ही जो गाय दूध नहीं दे रही है उनकी भी पूरी तरह से देखभाल कर उनके गोबर से राखी सहित अन्य गौमय उत्पाद बनाए जा सकते हैं। इस प्रकार पर्यावरण को बिना प्रदूषित किए केमिकल रहित सामग्री के साथ-साथ ऐसी गाय जो दूध नहीं दे रही है की रक्षा भी गौ माता के उत्पाद के चलतती रहेगी।

गौ माता के गोबर से बने समस्त प्रकार के प्रोडक्ट ज्वलनशील घुलनशील मरने के बाद भी पर्यावरण को नहीं पहुंचाएंगे क्षति –

गौ माता के गोबर से बने सभी प्रकार के प्रोडक्ट घुलनशील ज्वलनशील बनने के बाद भी पर्यावरण को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाएंगे। गोबर के चढ़ने के बाद भी इसका उपयोग खाद के रूप में किया जा सकेगा। इस प्रकार गौ माता के गोबर से बने सभी प्रोडक्ट 100% शुद्ध देशी होने के साथ-साथ इनसे पर्यावरण को किसी भी प्रकार की हानि नहीं होगी साथ ही भारतीय संस्कृति और सभ्यता को इससे बढ़ावा मिलेगा।

वही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी शासन की मंशा अनुसार स्वदेशी सामग्रियों को बड़े पैमाने पर अपनाने से देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।
भारतीय संस्कृति और सभ्यता को लगातार जीवित रखने के लिए गौ माता के गोबर से बने प्रोडक्ट का अधिक से अधिक उपयोग कर हम ना सिर्फ गौ सेवा करेंगे बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम बढ़ाएंगे।

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