अपनी जवान औलाद की शादी वक्त पर तथा क्यो जल्द करनी चाहिए ?
रिपोर्टर.
अपनें बच्चों की शादियां जल्द ही करो, क्योंकि इंसान को जब भूख लगती है तो जब उसे हलाल रिज्क नही मिलता तो वह हराम खाना शुरू कर देता है।
निक़ाह अल्लाह की तरफ़ से भेजा हुआ एक पाक़ रिश्ता है जो 2 जिस्मों की जान है !
शादी एक ज़रूरत है किसी जवान मर्द और औरत के लिए ।
बाप अपनी बेटी की शादी के दहेज जमा करते हुए बूढ़ा हो जाता है ।
और बेटी तीस साल तक बिना शादी के घर पर बैठी रह जाती है, ।
बेटा नौकरी करते और घर बनाते बनाते पैंतीस साल का हो जाता है।
इस बेवजह की रस्मों रिवाजों ने सुन्नत निकाह को मुश्किल बना दिया है और ज़िना को आसान।
आज की नौजवान नस्ल ज़िना (हरामकारी) की दलदल मैं फंसती जा रही है।
खुदारा वालिदैंन इस बात को समझें और अपनें बच्चों का निकाह जल्द से जल्द और सादगी के साथ करें।